पद राग पूर्वोत्त रसिया नं॰ १३३

आज सखी ये सतगुरु सा पधारे।
सतगुरु पधारे मेरा, जन्म सुधारे॥टेर॥

मंत्र सजीवन शब्द उचारे,
जन्म मरण भव दु:ख सब टारे॥१॥

मन वंचत सब कारज सारे।
अनंत जन्म का कष्ट निवारे॥२॥

सतगुरु महिमा अगत अपारे।
स्वामी दीप तन मन धन धारे॥३॥