पद राग मारवाडी रसिया नं॰ १३४

सुनो-सुनो बहन और भैया।
तुम भारत के रेवैया॥टेर॥

ये हिंद देश है अपना, तुम स्वधर्म पर डटना।
जब सुख होवे मन चैया॥१॥

विद्या का ठाट जमावो, वेदो की धुनी लगावो जी।
आपस में प्रेम रखैया॥२॥

हाथों से सूत कतारो, स्वदेशी वस्त्र धारो जी।
जब होवे देश सुखैया॥३॥

सतगुरु की शरण सिधावो, तुम सच्ची शिक्षा पावोजी।
हरी ॐकार रटैया॥४॥

श्री सतगुरु देव गोस्वामी, धन्य आये भारत भूमि जी।
कहे श्री दीप गवैया॥५॥